दीपावली पूरे 5 दिन का उत्सव है जो कि धनतेरस से लेकर भाई दूज तक मनाया जाता है।
धनतेरस 2024 कब है?
धनतेरस कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाई जाती है। इस साल धनतेरस 29 अक्टूबर मंगलवार को मनाई जाएगी। इस दिन सोने चांदी के आभूषण और नए बर्तन खरीदने की परंपरा बरसों से चली आ रही है। धनतेरस का पर्व भगवान धनवंतरी की जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस दिन धन के देवता कुबेरजी के साथ ही धन की देवी मां लक्ष्मी और गणेशजी की पूजा की जाती है। धनतेरस के शुभ अवसर पर घर में नई झाड़ू और धनिया लाने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर पूरे साल धन समृद्धि बढ़ाती हैं और कृपा बरसाती हैं। इस दिन बहुत से लोग अपने घर में रोजाना के प्रयोग की नई इलेक्ट्रॉनिक चीजें भी लाते हैं।
नरक चतुर्दशी कब है?
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि को छोटी दिवाली मनाई जाती है। छोटी दिवाली इस बार 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इसे नरक चतुर्दशी भी कहते हैं। साथ ही इसे रूप चौदस और छोटी दीवाली भी कहते हैं। इस दिन दक्षिण दिशा में यम देवता के नाम का दीपक भी जलाया जाता है। साथ ही इस दिन हनुमानजी को बूंदी के लड्डू का भोग लगाना और चोला चढ़ाना भी बहुत शुभ माना जाता है।
बड़ी दीपावली 2024 कब है?
दीपावली पूजन के लिए सबसे अधिक शुभ समय प्रदोषव्यापिनी अर्थात सूर्यास्त के बाद त्रिमुहूर्त में, कार्तिक अमावस्या को महालक्ष्मी पूजन किया जाता है. दिनांक 31 अक्टूबर 2024 को कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि शाम 03:53 बजे तक है और इस समय अमावस्या तिथि की शुरुआत हो जाएगी जोकि 1 नवंबर को शाम 06:17 बजे तक रहेगी.ऐसे में 1 नवंबर 2024 को महालक्ष्मी पूजन के लिए बहुत कम समय बच रहा है क्योंकि शाम को जल्दी ही अमावस्या तिथि समाप्त हो जाएगी. लेकिन 31 अक्टूबर 2024 को अमावस्या की तिथि होते हुए भी लक्ष्मी पूजन नहीं किया जाएगा इसके लिए शास्त्रों में कुछ प्रमाण दिए गए हैं जोकि इस प्रकार से हैं-
परदिने एव दिनद्वयेपि वा प्रदोषव्याप्तौ परा। पूर्वत्रैव प्रदोषव्याप्तौ लक्ष्षीपूजनादौ पूर्वां।(धर्मसिन्धुः)
अर्थ- अगले दिन ही या दोनों दिन प्रदोषव्यापिनी अर्थात अमावस्या हो तो अगली अमावस्या लेनी होगी.
व्याप्तिरिति पक्षे परत्र यामत्रयाधिकव्यापिदर्शे दर्श्पेक्षया प्रतिपद्वृदधिसत्वे लक्ष्मीपूजादिकमपि परत्रैवेत्युक्तम्।
एतन्मते उभयत्र प्रदोषाव्याप्ति-पक्षेपि परत्र ‘दर्शस्य सार्धयामत्रयाधिक-व्याप्ति-त्वात्परैव युक्तति भाति। (पुरुषार्थ-चिन्तामणि)
अर्थ- यदि अमावस्या केवल पहले दिन ही प्रदोषव्याप्त हो और यदि अगले दिन अमावस्या तीन प्रहर से अधिक व्याप्त हो तथा दूसरे दिन भी प्रतिपदा वृद्धगामिनी होकर तीन प्रहर के उपरांत समाप्त हो रही हो, तो लक्ष्मी पूजन अगले दिन ही करें.
भाईदूज 2024 कब है?
भाईदूज दीपावली के महाउत्सव का आखिरी दिन होता है। कार्तिक मास के शक्ल पक्ष की द्वितीया को भाई दूज का पर्व मनाया जाता है। इस साल भाई दूज 3 नवंबर को मनाई जाएगी। इसे यम द्वितीया भी कहते हैं। इस दिन यमराज की यमुना ने अपने भाई को सबसे पहले तिलक किया था। तभी से हर साल इस शुभ मौके पर बहनें अपने भाइयों को टीका करती हैं और उनकी दीर्घायु की कामनी करती हैं।
धनतेरस मुहूर्त:-
Date 29/10/2024 Tuesday
Labh:- 10:44AM to 12:10pm
Amrut:- 12:10Pm to 01:37PM
Shubh:- 03:03 PM to 04:29PM
Labh:- 07:29PM to 09:03 PM
Shubh:- 10:37PM to 12:00AM
लक्ष्मी पूजन मुहूर्त:-
Date 01/11/2024 Friday
Labh:- 07:53AM to 09:19 AM
Amrut 09:19 AM to 10:44AM
Shubh 12:10 PM to 01:36PM
Vrushik Lagn :- 07:36 AM to 09:49AM
Kumbh Lagn :- 01:46PM to 03:24PM
दीपावली मुहूर्त:–
01/11/2024 Friday
Labh:- 09:02PM to 10:36PM
Vrushabh Lagn 06 :44PM to 08:44Pm
02/11/2024 Saturday
Shubh 12:11AM to 01:45AM
Amrut 01:45AM to 03:19AM
Shubh:-07:53AM to 09:19AM
Labh:- 01:36PM to03:02 PM
Amrut:- 03:02 PM to 04:28PM
Labh:- 05:53PM to 07:28PM
SIMHA Lagn:- 01:13AM to03:20AM
Vruschik Lagn:- 07:32 AM to 09:45PM
Kumbh Lagn:- 01:42PM to 03:20PM
भाईदूज मुहूर्त:-
03/11/2024 Sunday
Labh :- 09:19AM to 10:45AM
Amrut:- 10:45AM to 12:10PM
Shubh:- 01:36 PM to 03:02PM
Shubh:- 05:53 to 07:27PM
Amrut:- 07:27PM to 09:02PM
Vruschik Lagn:- 07:28AM to 09:41AM
Kumbh Lagn:- 01:38PM to 03:16PM
Vrishab Lagn:-06:36PM to 08 :36PM