वैशाख मास के शुक्लपक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी कहते हैं। मोहिनी एकादशी के दिन श्रीहरि और मां लक्ष्मी की पूजा और व्रत करने से जीवन में सभी सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी पापों से छुटकारा मिलता है। ऐसा माना जाता है कि मोहिनी एकादशी के दिन विशेष जगहों पर दीपक जलाने से घर में मां लक्ष्मी का आगमन होता है। साथ ही सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।
मोहिनी एकादशी के दिन तुलसी के पोधे के पास देसी घी का दीपक जलाने से घर में सुख-शांति का वास होता है। साथ ही साधक को जीवन में शुभ परिणाम देखने को मिलते हैं।
मोहिनी एकादशी के दिन सुबह स्नान करने के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें। इसके बाद पवित्र नदी में दीपदान करें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, दीपदान करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है। सभी पापों से मुक्ति मिलती है।
मोहिनी एकादशी के दिन घर के मुख्य द्वार पर देसी घी या तेल का दीपक जलाएं। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को करने से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है। घर में सुख, समृद्धि और शांति का आगमन होता है। इसके अलावा आर्थिक तंगी की समस्या से छुटकारा मिलता है।
मोहिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप रखकर देवताओं को अमृत का पान कराया था। उनका ये रूप सत्य की रक्षा और अधर्म के विनाश का प्रतीक माना जाता है। इस दिन व्रत रखने से साधक को अपार सफलता के साथ हर क्षेत्र में विजय होती है। माना जाता है कि भगवान श्री राम ने भी विजय पाने के लिए मोहिनी एकादशी का व्रत रखा था।
